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किसान भाइयों जैसा कि मेड़ता मंडी भाव में हम यहाँ भाव शेयर करते हैं और लगातार इस बात की भी संभावना जताते आये हैं कि जीरे का भाव और भी ज्यादा बढ़ सकता है और जीरा भाव 50,000 रुपये प्रति क्विंटल जा सकता है। इसका उदाहरण हमें सोमवार को देखने को मिला क्योंकि मेड़ता मंडी भाव में जीरा 50000 रुपये प्रति क्विंटल को पार कर गया।
मेड़ता मंडी में जीरे की बोली 50151 रुपये की लगी और जीरे के भाव आसमान को छू गए। जीरे के भाव एकदम बढ़ने के कारण मंडी में जीरा बेचने वाले किसानों की भीड़ लगी रही और रात के 3 बजे तक मेड़ता मंडी में जीरा की तुलाई चलती रही।
मेड़ता मंडी जीरा भाव – पहुँचा 50 हजार पार
देश में पहली बार ऐसा हुआ है कि मेड़ता मंडी में जीरे का भाव 50 हजार पार कर गया। जी हां जीरा मेड़ता मंडी में सोमवार को 50,151 रुपये प्रति क्विंटल बिका है जो कि इतिहास में जीरे का सबसे ज्यादा भाव है। मेड़ता मंडी में जीरा 50151 रुपये बिका और एक ही दिन में 57 करोड़ का व्यापार किया गया।
मेड़ता मंडी में जीरे का भाव अचानक बढ़ा
शुक्रवार रात मंडी के बंद होने से पहले मेड़ता मंडी में जीरा का भाव ₹41000 रुपये प्रति क्विंटल था लेकिन सोमवार सुबह मेड़ता मंडी जीरा का भाव में अचानक से 9 हजार रुपये प्रति क्विंटल का उछाल देखने को मिला। जिसके चलते मंडी में रात के 3 बजे तक तुलाई का कार्य चला। जीरा बेचने के लिए किसानों के वाहनों की भीड़ लगी रही।
अन्य मंडियों में भी जीरे का भाव उछला
मेड़ता मंडी में जीरा 50 हजार रुपये क्विंटल बिका तो वहीं उंझा मंडी में भी जीरा का भाव 42000 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गया। देश की राष्ट्रीय मंडी उंझा में जीरा 42 हजार रुपये प्रति क्विंटल बिका।
मेड़ता मंडी जीरा भाव : 57 करोड़ का हुआ व्यापार
जैसा कि आपको बताया कि मेड़ता सिटी मंडी में जीरा 50 हजार के भाव बिका है जो कि देश के इतिहास में अब तक का जीरे का सर्वाधिक भाव है। इससे केवल सोमवार को ही 57 करोड़ रूपए का व्यापार हुआ है।
व्यापारी सूत्रों के अनुसार जीरा की उच्च क्वालिटी वाली फसल अधिकतम 50 हजार रूपए प्रति क्विंटल रही व न्यूनतम भाव 36 हजार रूपए तक रहे हैं।
पिछले साल के मुकाबले कम आवक
पिछले साल जीरा की आवक करीब 181 लाख क्विंटल थी लेकिन इस बार यह आवक घटकर 160 लाख क्विंटल रही है। साथ ही विदेशों में जीरे की मांग बढ़ रही है। ऐसे में जीरे की कमी और विदेशों में जीरे का निर्यात 30 फीसदी बढ़ने के कारण जीरा के भाव आसमान छू रहे हैं और किसानों की बल्ले बल्ले हो रही है। किसानों के लिए यह बहुत ही बड़ी खुशखबरी है।
बेमौसम बारिश से जीरा का उत्पादन कम
बताया जा रहा है कि इस साल बेमौसम बारिश के कारण जीरे के उत्पादन पर असर पड़ा है। बेमौसम बारिश के चलते जीरे की फसल खराब हुई और उत्पादन करीब एक लाख क्विंटल कम हुई है। लेकिन जीरे का निर्यात 30 फीसदी बड़ा है जिसके कारण विदेशों में जीरे की मांग बढ़ी है। फलस्वरूप जीरे के भाव आसमान छूने लगे है।
1 मार्च से 10 अप्रैल तक कृषि मंडी में 24 दिन तुलाई हुई थी। जिसमें करीब दो लाख बोरी यानी 1 लाख क्विंटल जीरा की आवक हुई है। जो कि पिछले सारे रिकाॅर्ड तोड़ चुकी है। वहीं इससे पहले इस साल में 60 लाख क्विंटल की आवक हुई थी। सोमवार को एक दिन में 11 हजार क्विंटल के करीब आवक हुई तथा अब तक करीब 3 अरब का व्यापार हुआ है।
जीरे के भावों में तेजी की खास दो वजहें ये है:
1. घरेलू व विदेशो में डिमांड में वृद्धि:
घरेलू व विदेशों में जीरे की भारी डिमांड बनी हुई है और यह डिमांड बढ़ रही है। देश दुनिया में सबसे बड़ा जीरा उत्पादक है। भारत से बांग्लादेश, नेपाल व यूरोप महाद्वीप के कई देशो में आवक का 30 फीसदी जीरा निर्यात किया जाता है। इस बार जीरा उत्पादन कम है और डिमांड बढ़ी है जिसके चलते भावों में तेजी आई है।
2. कमजोर उत्पादन और खराब मौसम का असर:
बताया जा रहा है कि देश में इस साल बेमौसम बारिश व तापमान के चलते जीरे की फसल को नुकसान पहुंचा है जिसके चलते उत्पादन व जीरे की क्वालिटी में कमी आई है. यही कारण है कि मेड़ता मंडी जीरा का भाव उछाल में चल रहा है।
क्या आगे भी जीरा के भाव इसी तरह तेज बने रहेंगे?
मार्केट विशेषज्ञों का कहना है कि अभी घरेलू व विदेशी डिमांड के चलते अगले ओर कुछ दिन तक जीरा के भाव में तेजी बनी रहेगी। अगर जीरा की डिमांड इसी तरह बनी रहती है और जीरा की आवक भी कम रहती है तो अभी भाव अचानक से गिरने के आसार नहीं हैं।
व्यापारियों का कहना है कि:
सुरेश जैन [प्रमुख जीरा व्यापारी] ने कहा: पहले विदेशों में गुजरात की उंझा मंडी से अधिक जीरा निर्यात किया जाता था लेकिन राजस्थान के जीरे की क्वालिटी उच्च होने के कारण अब सीधा निर्यात राजस्थान की मंडियों से होता है। जिसके कारण भावों में तेजी देखने को मिली है।
रामअवतार चितलांगिया [उपाध्यक्ष, मेड़ता मंडी]:
तुर्की और सीरिया मे मौसम की खराबी के चलते जीरे का उत्पादन बहुत ही कम हुआ जिस कारण जीरे की डिमांड ज्यादा है। पहले जीरा गुजरात से निर्यात किया जाता था लेकिन अब राजस्थान से निर्यात होता है। इसलिए जीरे की डिमांड व कम उत्पादन की वजह से जीरे के भाव बढ़े हुए हैं।
राजेंद्र कुमार रियाड़ [सचिव, मेड़ता मंडी]: ने बताया कि
मेड़ता मंडी में जीरा भाव बढ़ने के कारण जीरे की आवक बढ़ी है। किसानों को ज्यादा इंतजार न करना पड़े इसलिए दो शिफ्ट में कार्य किया जाएगा और रातभर तुलाई का कार्य किया जाएगा। पूरा प्रशासन व्यवस्था में जुटा हुआ है ताकि मेड़ता मंडी में किसानों को परेशानी न हो, किसानों के लिए खुशी है।
निष्कर्ष: मेड़ता मंडी जीरा भाव: जीरा 50 हजार पार
मेड़ता मंडी में जीरा 50 हजार रुपये प्रति क्विंटल पर कर गया। नागौर मंडी में जीरा 50,151 रुपये प्रति क्विंटल बिका। इसके अलावा उंझा मंडी में भी जीरा करीब 4100प रुपये प्रति क्विंटल रहा। मेड़ता मंडी जीरा भाव एक साथ बढ़ जाने से किसानों में खुशी की लहर है।
जब तक ये डिमांड बढ़ी रहेगी मेड़ता मंडी जीरा भाव इसी तरह बने रहेंगे और आगामी दिनों में जीरा के भाव स्थिर रहने के साथ ही बढ़ने के आसार है। क्योंकि जीरा का उत्पादन और मांग को देखते हुए जीरा भाव इसी तरह बना रहेगा।
kotamandibhav.in पर आने के लिए किसान भाइयों का आभार।