Sarso Bhav: सरसों भाव में भारी गिरावट, 2 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुँचा सरसों का भाव

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Sarso Ka Bhav सरसों भाव में भारी गिरावट, 2 साल के सबसे निचले स्तर पर पहुँचा सरसों का भाव: सरसों के भाव में भारी गिरावट के कारण किसानों के चेहरे मायूस दिख रहे हैं। सरसों के तेल में बढ़ोतरी के चलते सरसों व खल की डिमांड में कमी आई है। इसके चलते सरसों के भाव पिछले 2 साल के सबसे निचले स्तर पर चल रहे हैं। किसी ने सरसों के इस भाव की उम्मीद नहीं कि थी।
जयपुर मंडी में सरसों का भाव सीधा 75 रुपए गिरकर 5250 रुपए प्रति क्वि तक आ पहुंचे। इस बार जयपुर मण्डी में सरसों का भाव अपने 5380 के सपोर्ट को तोड़ते हुए 5200 रुपए प्रति क्विंटल रह गया। देश की कई मंडियों में सरसों का भाव 5000 रुपए प्रति क्विंटल के नीचे व्यापार कर रहा है जो कि किसानों की नींद उड़ा रहा है।
Sarso Ka Bhav Me Girawat
Sarso Ka Bhav

सरसों के भाव में क्यों आ रही मंदी

सरसों के तेल का भाव सिर चढ़कर बोल रहा है जिसके चलते खल और सरसों तेल की डिमांड कमजोर पड़ रही है। इसलिए मीलों ने सरसों की खरीद जरूरत के अनुसार की है।इसके चलते सरसों में बिकवाली का दबाव बना हुआ है और और मांग कमजोर हो गई है।

पिछले 2 साल के बाद सरसों में सबसे बड़ी मंदी

पिछले दो सालों में सरसों के भाव 6 हजार रुपए प्रति क्विंटल से 8000 रुपए प्रति क्विंटल तक चले गए थे लेकिन इस मंदी के कारण सरसों का भाव टूटकर MSP यानी सरसो का सरकारी रेट से भी 1000 से 1200 रुपए नीचे चले गए हैं। पिछले दो सालों में यह अब तक कि सबसे बड़ी गिरावट है।

कब आएगी सरसों के भाव में तेजी

अभी के भाव देखकर किसान परेशान है और एक ही सवाल उनके दिमाग में हैं कि आखिर सरसों के भाव में तेजी कब आएगी? सरसों के भाव कब बढ़ेंगे? सरसों में तेजी आएगी क्या? सरसों का भाव बढ़ेगा या घटेगा? इन सवालों का जवाब पहले ही कई विशेषज्ञों ने देने की कोशिश की लेकिन सभी की भविष्यवाणी फैल रही। बढ़ते तेल के दाम ने सरसों की खरीद में कमी कर दी है और सरसों के भाव धड़ाम हो गए हैं।।
फिर भी कुछ विशेषज्ञों की मानें तो आने वाले कुछ दिनों तक सरसों में मंदी बनी रहेगी। अगले 10 दिनों तक तो सरसों के भाव बढ़ने के आसार नहीं हैं।

नहीं घट रही आवक

सरसों का भाव में गिरावट के बाद भी देश की मंडियों में सरसों की आवक लगातार बनी हुई है। सभी मंडियों में सरसों की जोरदार आवक देखने को मिल रही है। हालांकि भाव कम है लेकिन फिर भी भी जरूरतमंद किसान गिरते भावों में भी सरसों को बेचने पर मजबूर है।

निष्कर्ष : सरसों का भाव (Sarso Ka Bhav)

सरसों के भाव ने जोरदार गिरावट का रुख अपनाया हुआ है। खाद्य तेलों में गिरावट के चलते सरसों का पिछले 2 साल के निचले स्तर पर चल रहा है। हमारा उद्देश्य आपको केवल सरसों के भाव व सरसों की तेजी – मंदी से अवगत कराना है। कृपया व्यापार अपने विवेक से करें। व्यापार में किसी भी लाभ या हानि की जिम्मेदारी हमारी वेबसाइट kotamandibhav.in की नहीं हैं।
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